Annaprashan Sanskar Puja
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1901 )
Category : Ghar pe puja
WHY YOU NEED THIS POOJA
Annaprashan Sanskar is an auspicious ceremony and holy Hindu ritual that marks a baby's first intake of food other than milk. It is done by a qualified priest at the home or the temple. The term Annaprashan literally means "eating of the food". In other words, when a baby starts having things other than mother’s milk, Annaprashan Sanskar ceremony is held. It is held by offering Kheer made of rice or sooji and milk to the baby in general. Annaprashan Sanskar for baby boy or baby girl is usually same everywhere.
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इस पूजा के महत्व
अन्नप्राशन संस्कार का हिंदू शास्त्रों के हिसाब से बहुत महत्व है, यही वह समय होता है, जब शिशु मां के दूध के अलावा, पहली बार अन्न ग्रहण करता है। अन्नप्राशन को लेकर संस्कृत में एक श्लोक भी है ‘अन्नाशनान्मातृगर्भे मलाशाद्यपि शुद्धयति’ यानी मां के गर्भ में रहते हुए शिशु में मलिन भोजन के जो दोष आते हैं, उसका निदान करना चाहिए और शिशु को पोषण देने के लिए भोजन कराना चाहिए। शुभ मुहूर्त में देवताओं का पूजन करने के पश्चात् सोने या चाँदी की चम्मच से बालक को रवा, छौंके हुए चावल या पुलाव, दाल, सांबर या रसम आदि चटाते हैंi
यह संस्कार शिशु के छह या सात महीने का हो जाने पर किया जाना शिशु की सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद होता है।
ऐसी मान्यता है कि इनमें से शिशु जिस पर भी हाथ रखता है, उसी से उसके भविष्य का अंदा्जा लगाया जाता है।:
• अगर बच्चा किताब पर हाथ रखे, तो वह सीखने में आगे रहेगा।
• अगर बच्चा कलम पर हाथ रखे, तो वह बुद्धिमान होगा।
• अगर बच्चा सोने के आभूषण पर हाथ रखे, तो माना जाता है कि वह भविष्य में धनवान रहेगा।
• अगर बच्चा मिट्टी पर हाथ रखे, तो उसके पास संपत्ति होगी।
• अगर बच्चा खाने पर हाथ रखे, तो वह दयावान होगा।
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